खाचरोद (Khachrod) शहर, भारत में मध्य प्रदेश राज्य के मालवा प्रांत के उज्जैन जिले में स्थित है।
खाचरोद शहर को उज्जैन जिले की सबसे बड़ी तहसील के रूप में जाना जाता है । यह नगर पालिका वाला शहर है। यह शहर भारतीय रेलवे के दिल्ली मुंबई मुख्य रेलवे मार्ग पर स्थित है।
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शहर की अवस्थिति
यह शहर 23.42° उत्तर 75.28° पूर्व में अवस्थित हैं। शहर की समुद्र तल से ऊंचाई लगभग 485 मीटर है। यह शहर लगभग 3 किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है।
खाचरोद का इतिहास
खाचरोद का इतिहास (history of khachrod) लगभग एक हजार वर्ष से भी अधिक पुराना हैं। यहां पर कुछ ऐतिहासिक स्थल है, जिनमें रावला में स्थित किला परिसर में मंडलोई महल व सात सवार दरवाजा प्रमुख हैं। जो यहां की सबसे प्राचीन इमारतें है। ये इमारत संभवत: दिल्ली सल्तनत काल या मुगल काल की बनी हो सकती है।
इसके अलावा यहां पर मराठा साम्राज्य के वंशजों द्वारा स्थापित मठ मंदिर परिसर और अस्थल मन्दिर (क्षतिग्रस्त) परिसर हैं।
मठ मंदिर परिसर और उसके समीप स्थित निर्माण आजादी से पहले हमें नगर के मराठा साम्राज्य की ग्वालियर रियासत (सिंधिया वंशजों) के अधीन होने का प्रमाण देता हैं।
बढ़ती जनसंख्या के कारण शहर के क्षेत्रफल में दिन प्रतिदिन वृद्धि होती जा रही हैं। जिससे शहर के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित गांव रामातलाई को भी अब शहर के नगर पालिका क्षेत्र में शामिल कर लिया गया है, जोकि शहर के ही धाकड़ समाज के लोगो द्वारा बसाया गया था। शहर के उत्तरी क्षेत्र का विस्तार समीपस्थ गांव घुड़ावन तक भी पहुंच गया है।
लोकसभा और विधानसभा क्षेत्र
खाचरोद शहर, लोकसभा के उज्जैन-आलोट लोकसभा क्षेत्र में तथा विधानसभा के नागदा- खाचरोद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
लोकसभा के उज्जैन-आलोट लोकसभा क्षेत्र से वर्तमान सांसद श्री अनिल फिरोजिया हैं।
मध्यप्रदेश विधानसभा के नागदा- खाचरोद विधानसभा क्षेत्र से वर्तमान विधायक श्री दिलीप सिंह गुर्जर हैं।
आधिकारिक भाषा
शहर की मुख्य आधिकारिक भाषा हिंदी है, जबकि यहां के लोगों की आम बोल चाल की भाषा मालवी है। जो कि मालवा प्रांत की प्रमुख भाषा है।
कार्यालय
यहां पर तहसील स्तर के सभी विभागों के शासकीय कार्यालय हैं।
इसके अलावा यहां शासकीय पशु चिकित्सालय, पुलिस स्टेशन , डाकघर और उप जेल भी हैं।
खानपान
शहर के लोगों का भोजन सादा है।
यहां पर भोजन में मुख्यत: दाल-बाटी और कड़ी को काफी पसंद किया जाता हैं।
ठंड के मौसम में सुरन की साग और बाटी, यहां का पसंदीदा भोजन बना हुआ है।
रेवड़ी यहां की प्रसिद्ध मिठाई है। जो अपने स्वाद के लिए दूर दूर तक प्रसिद्ध हैं।
बाजार
खाचरौद शहर अपने आस-पास बसे गांवो की मुख्य जरूरतों को पूरा करने के लिए भी जाना जाता हैं।
यहां पर किराना , मेडिकल, कपड़ा, बर्तन , किताबों, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेट्रिकल्स, डेयरी, हार्डवेयर, फुटवेयर, भवन निर्माण में लगने वाले लोहे, सीमेंट, मार्बल की बड़ी बड़ी दुकानें भी हैं।
यहां पर कृषि क्षेत्र से संबंधित पेस्टिसाइड दवाओं, खाद और बीज का बड़ा बाजार है।
खाचरोद के बने सोने और चांदी के आभूषण अपनी उच्च गुणवत्ता, बनावट और शुद्धता के लिए प्रसिद्ध हैं।
प्रमुख बैंक शाखाएं
खाचरोद में लगभग देश के सभी प्रमुख निजी एवं शासकीय बैंकों की शाखाएं हैं।
शहर में स्थित प्रमुख बैंको में भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, नर्मदा मालवा ग्रामीण बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक आदि है।
मंडिया
यहां पर कृषि उत्पादों की खरीददारी के लिए कृषि उपज मंडी, सब्जी मंडी और फूल मंडी भी हैं।
यहां की मटरमंडी देश की बड़ी मटर मंडियों में से एक है। यहां से और आस पास के क्षेत्र से बड़ी मात्रा में मटर उगाया जाता है।
मटर को यहां की मंडी के माध्यम से देश भर के बड़े शहरों में पहुंचाया जाता हैं।
इसके अलावा यहां से अनेक प्रकार की सब्जियों, फलों और फूलों को देश के बड़े शहरों मुंबई, पुणे, वड़ोदरा, जयपुर, दिल्ली आदि में भेजा जाता हैं।
पारंपरिक हाट
यहां पर प्रत्येक शुक्रवार को पारंपरिक हाट लगता है, जिसमे आस पास के गांवो के लोग अपने लिए जरूरी समानों को खरीदने के लिए बड़े पैमाने पर आते हैं। इस दिन बाहर के व्यापारी भी अपने उत्पादों को यहां लेकर बेचने आते हैं।
इसी दिन यहां पर पशुओं के खरीदने ओर बेचने के लिए बड़े पैमानेे पर व्यापारी आते है। जिनमे गाय, भैंस, बैल, बकरी, भेड़ प्रमुख हैं।
हाट नगर पालिका की आय का एक प्रमुख हिस्सा है।
मेला
मेलें का नाम सुनते ही हमारे मन में एक आनंद की अनुभूति होती है।
शहर में एक मात्र मेले का आयोजन चामुंडा माता मंदिर परिसर में चैत्र नवरात्रि पर्व के दौरान किया जाता है।
इसका अयोजन नगर पालिका परिषद, खाचरोद द्वारा किया जाता हैं।
उद्यान
खाचरोद शहर का एक मात्र उद्यान, नगर पालिका उद्यान हैं। यहां पर छोटे बच्चों के मनोरंजन के साधनों के अलावा सुसज्जित उद्यान भी हैं। जिसकी देख रेख नगर पालिका द्वारा की जाती हैं।
तालाब
शहर के मध्य में एक तालाब भी हैं, जहां पर भगवान महादेव का मंदिर है।
जहां पर श्रावण माह के प्रत्येक सोमवार को विशेष पूजा अर्चना की जाती हैं।
यहीं से श्रावण माह के सोमवार दौरान महादेव जी की सवारी निकली जाती हैं।
जिसे शहर के मुख्य मार्गो से निकाला जाता हैं। जिसे देखने श्रद्धालु बड़ी संख्या में आते हैं।
मुख्य व्यवसाय
खाचरोद शहर के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि हैं। कृषि क्षेत्र ही यहां के अधिकांश लोगों के जीवन का आधार हैं। जिस पर इस शहर की पूरी अर्थव्यवस्था टिकी हैं।
यहां पर कोई बड़ा उद्योग नहीं है, परंतु यहां पर कृषि उपकरणों का निर्माण बड़े पैमाने पर किया जाता हैं।
यहां के कारीगर चूड़ी , चप्पल, मिट्टी के बर्तन, झाड़ू बनाने की उत्कृष्ट कला और उत्तम कार्य के लिए जाने जाते हैं।
हाल ही में यहां पर कृषि क्षेत्र से संबंधित एक बड़ी इकाई सांवरिया एग्रो प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना हुई हैं।
नर्सरी
हाल ही के कुछ वर्षों में उद्यानिकी,वानिकी के क्षेत्र में अपार वृध्दि हुई हैं।
जिसके चलते यहां पर भी नर्सरी व्यवसाय को बढ़ावा मिला।
यहां की प्रमुख नर्सरी में कंचनखेड़ी सरकारी नर्सरी, निजी क्षेत्र में बरखा नर्सरी प्रमुख हैं।
शहर के प्रमुख धार्मिक स्थल
शहर में सभी वर्गों और धर्मो के लोग शांतिप्रिय तरीके से रहते हैं।
यहां निवास करने वाले संप्रदायों में हिंदू, मुस्लिम, जैन, बोहरा संप्रदाय प्रमुख है।
जिनके शहर में अनेक स्थानों पर पूजा और प्रार्थना स्थल है। जिनमे से कुछ प्रमुख स्थल है।
हिंदू धर्म – महादेव मंदिर, राम मंदिर, उत्तरामुखी हनुमान मंदिर, गणेश मंदिर, रामोला मंदिर, लक्ष्मीनाथ मंदिर, खेड़ापति हनुमान मंदिर, गोपाल मंदिर, चामुंडा माता मंदिर, वीर हनुमान मंदिर, मठ मंदिर, सीतला माता मंदिर, नरसिंह मंदिर, सांई मंदिर, खाकचोक मंदिर, नाग महाराज मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर प्रमुख हैं।
जैन धर्म के श्वेतांबर, दिगंबर, पार्श्वनाथ मन्दिर प्रमुख हैं।
मुस्लिम धर्म – जूना शहर की बड़ी मस्जिद, जामा मस्जिद के अलावा भी शहर के अन्य स्थानों पर भी नमाज अदा करने के लिए मस्जिद हैं। साथ ही ईद के दिन नमाज अदा करने के लिए ईदगाह भी हैं। यहाँ पर अनेक दरगाहे भी हैं ,जहां से लोगों की मांगी मन्नत पूरी होती हैं।
मुस्लिम समुदाय के मुहर्रम पर्व के दौरान शहर में भारी भीड़ और एक ख़ास माहोल को देखा जा सकता है।
बोहरा धर्म – शहर की सबसे बड़ी और ऊंची इमारत बोहरा समुदाय की मस्जिद हैं। जो कि इस समुदाय का प्रार्थना स्थल है।
यहीं पर बोहरा समाज की सामुहिक भोजनशाला भी हैं।
मुख्य त्यौहार
यहां मनाए जाने वाले त्योहारों में दिपावाली, राखी, होली, मकर संक्रांति, कृष्ण जन्माष्टमी,राम नवमी,महाशिवरात्रि, ईद, बकरीद, मुहर्रम, महावीर जयंती, बलराम जयंती, ढोल ग्यारस प्रमुख हैं।
ढोल ग्यारस यहां मनाए जाने वाले त्योहारों में सबसे प्रमुख हैं।
इस दिन यहां के लगभग सभी बड़े मंदिरों के झूले में भगवान की झांकियों को पूरे शहर में घुमाया जाता हैं।
जिसमें यहां के प्रमुख अखाड़ों जिनमे मठ मंदिर अखाड़ा, लक्ष्मीनाथ मंदिर अखाड़ा, खाकचोक मंदिर अखाड़ा द्वारा अखाड़ों की पारंपरिक कलाओं का प्रदर्शन किया जाता है। जिसे देखने लोग बड़ी दूर दूर से आते हैं।
इस दिन यहां का बाजार 24 घंटे खुला रहता हैं। इस दिन शहर के एक मात्र अशोक सिनेमा घर में दिन से ही काफी भीड़ लगी रहती हैं।
जोकि शहर का एक प्रमुख फिल्मी मनोरंजन का साधन है।
प्रमुख विद्यालय
यहां पर शिक्षा के लिए बड़े शासकीय विद्यालयों में नवोदय विद्यालय, शासकीय हायर सेकेण्डरी विद्यालय, मॉडल हायर सेकेण्डरी विद्यालय, गर्ल्स हायर सेकेण्डरी विद्यालय हैं।
शिक्षा के लिए बड़े निजी विद्यालयों में सरस्वती शिशु मंदिर, इंपीरियल विद्यालय, वर्धमान विद्यालय, राज राजेंद्र विद्यालय, श्रीपति अकादमी, उड़ान विद्यालय, धाकड़ विद्यालय आदि प्रमुख हैं।
खाचरोद कॉलेज
शहर में उच्च शिक्षा के लिए शासकीय विक्रम महाविद्यालय (Khachrod college) तथा तकनीकी शिक्षा के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था, खाचरोद है।
खेल और खिलाड़ी
खाचरोद शहर में खेलें जानें वाले प्रमुख खेलों में क्रिकेट, कबड्डी, खो-खो, मलखंब, दौड़ और मुक्केबाजी प्रमुख हैं। परंतु सबसे ज्यादा खेलें जानें वाला खेल क्रिकेट हैं।
शहर के प्रमुख खिलाडयों में दक्षिण एशियाई खेलों में मुक्केबाजी में स्वर्ण पदक विजेता सुश्री मंजू बम्बोरीया, मध्य प्रदेश राज्य के सबसे बड़े खेल पदक विक्रम पदक विजेता श्री मुन्नालाल मामोडिया, एकलव्य पदक विजेता सुश्री यशोदा मदारिया, विश्वामित्र खेल प्रशिक्षक पदक विजेता श्री कन्हैयालाल मामोडिया , प्रभाष जोशी खेल पुरस्कार विजेता श्री अजय वाक्तरिया ओर सुश्री यशोदा मदारिया के अलावा भी कई खिलाड़ियों ने पदक जीतने में सफलता हासिल की हैं।
हाल ही में सुश्री मंजू बम्बोरिया को मध्य प्रदेश राज्य के विक्रम पदक से सम्मानित किया गया हैं।
यहां कि खाकचोक मलखंब अकादमी मलखंब के क्षेत्र में प्रदेश की एक प्रमुख अकादमी हैं।
आवागमन के साधन
यातायात के साधनों में यहां से आने जाने के लिए रेलमार्ग के अलावा सड़क मार्ग की सुविधा भी उपलब्ध है। जिसके द्वारा, नजदीक के बड़े शहरों में बसों और निजी वाहनों के माध्यम से जाया जा सकता हैं।
खाचरोद रेलवे स्टेशन से बस स्टैंड और शहर की दूरी लगभग 2 किमी. हैं।
यहां का नजदीकी हवाई अड्डा, देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा इंदौर हैं। जिसकी शहर से दुरी करीब 150 किमी है।
समीपस्थ ऐतिहासिक स्थल व दूरी
फर्नाजी का मंदिर, फर्नाजी – 8 किमी
बड़ा हनुमान मंदिर, लुसडावन फंटा– 10 किमी
चामुंडा माता मंदिर ,नागदा -14 किमी
बिरला मंदिर, नागदा -14 किमी
बाबा फरीद दरगाह , बड़ावदा -18 किमी
हुसैन टेकरी, जावरा -35 किमी
कैक्टस गार्डन, सैलाना – 50 किमी
महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन -70 किमी
पशुपतिनाथ मंदिर, मंदसौर -90 किमी
चामुंडा माता मंदिर टेकरी, देवास -100 किमी
राजवाड़ा इन्दौर, इन्दौर-150 किमी
रानी रुपमती महल, मांडु – 160 किमी
देवी अहिल्याबाई महल, महेश्वर – 190 किमी
ओंकारेश्वर मंदिर, ओंकारेश्वर– 220 किमी
कुछ प्रमुख लिंक
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2 Comments
मुझे बहुत बहुत प्यार है खाचरोद से हमारा पुश्तैनी मकान खाचरोद स्टेशन के पास है सूर्यकांत नाथुप्रसाद पांडे जी मेरे काका जी थे जो अब नहीं रहे हैं हमारी खेती खाचरोद मै है यह मेरी मातृभूमि है मुझे आपका लेख बहुत पसंद आया बहुत सही और सटीक जानकारियां आपने लिखी हैं मेरी मातृभूमि खाचरोद को शत शत बार नमन🙏🙏🙏🥰😍
बहुत बहुत धन्यवाद।